Tuesday, July 27, 2010

himachalimunda: फिल्म लम्हा में अभिनेता अनुपम खेर के ऐश से सम्बंधित चर्चित डायलोग पर

himachalimunda: फिल्म लम्हा में अभिनेता अनुपम खेर के ऐश से सम्बंधित चर्चित डायलोग पर

Wednesday, July 14, 2010

फिल्म लम्हा में अभिनेता अनुपम खेर के ऐश से सम्बंधित चर्चित डायलोग पर

फिल्मकार बंटी वालिया की नयी फिल्म लम्हा में एक संवाद है कि जब ऐश्वर्या रॉय चाँद नहीं देख पाती तो यह खबर बन जाती है लेकिन उन हजारों कश्मीरी औरतों की दशा को खबर क्यों नहीं बनाते जिन्हों ने बरसों से अपने पतिओं को नहीं देखा है। ज़ाहिर है कि इस संवाद के जरिये फिल्मकार ने मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाया है । हालाँकि इस डायलोग में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है . इसके बावजूद मीडिया ने इस डायलोग को ऐश की प्रतिष्ठा से जोड़कर जिस प्रकार आधारहीन विवाद खड़ा करने का प्रयास किया है उस से इस संवाद में पूछे गए सवाल की अहमियत ही साबित होती है।
समाचार पत्र अमर उजाला के धर्मशाळा एडिशन के १४ जुलाई के अंक में कुल्लू के एक युवा पत्रकार की खबर उनके नाम से छपी है जिसे अखबारी भाषा में बाईलाईन खबर कहते हैं । इस खबर में युवा पत्रकार ने लम्हा फिल्म के डायलोग को इस प्रकार से पेश करने का प्रयास किया है मानो इस से ऐश की प्रतिष्ठा ही दांव पर लग गयी हो । उन्हों ने इस डायलोग के माध्यम से ऐश की खिल्ली उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अभी तक ऐश खामोश है लेकिन जब वे पलटवार करेंगी तो क्या होगा। ( ऐसा लगता है जैसे ऐश के मुंह खोलते ही कोई राष्ट्रिय आपदा आ जाएगी ) इसके साथ ही पत्रकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पूछने पर ऐश ने ..नो कमेंट्स कहकर बात टाल दी है लेकिन साथ ही पाठकों को आगाह किया है कि ऐश ने भले ही कोई प्रतिक्रिया नहीं की है लेकिन उन्हें ऐश के ससुर अमिताभ बचन के ब्लॉग पर उनकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार करना चाहिए । (मानो बच्चन साहिब ने उन्हें बता दिया हो कि वे शीघ्र ही ब्लॉग लिख कर डायलोग रायटर और फ़िल्मकार के विरुद्ध मोर्चा खोल कर जंग का ऐलान करेंगे )।
इस से पत्रकार महोदय क्या साबित करना चाहते हैं । अगर गौर से देखा जाए तो उस डायलोग में ऐश की नहीं बल्कि उन पत्रकारों की खिल्ली उडाई गयी है जो इस प्रकार की बेसिर पैर की ख़बरों के माध्यम से सनसनी फैलाने की कोशिश करते हैं । ख़बरों को अतिरंजित करने की प्रवृति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।